सूरदास जी का जन्म १४७८ ई में आगरा के रुनकता क्षेत्र (जिसमे मतभेद है ) में हुआ था। सूरदास जी के पिता का नाम रामदास बैरागी था। जो की एक प्रसिद्ध गायक थे। इनके गुरु वल्लभाचार्य थे। जिन्होंने इनको पुष्टिमार्ग में दीक्षित कर के कृष्णलीला के पद गाने का आदेश दिया। वे भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे। सूरदास जी की मृत्यु गोवर्धन के निकट पारसौली गाँव में १५८४ ईस्वी में हुई।
सूरदास जी की रचनाएँ-
सूरदास जी द्वारा लिखित पाँच ग्रन्थ बताए जाते हैं:
(1) सूरसागर
(2) सूरसारावली
(3) साहित्य-लहरी
(4) नल-दमयन्ती
(5) ब्याहलो
सूरदास के 16 ग्रंथों का उल्लेख नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित हस्तलिखित पुस्तकों की विवरण तालिका में है।
सूरदास जी की की विचारधारा-
सूरदास के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के अनुग्रह से मनुष्य को सद्गति मिल सकती है। अटल भक्ति कर्मभेद, जातिभेद, ज्ञान, योग से श्रेष्ठ है।
कबीरदास जी गुरु नानक जी सूरदास जी महारानी लक्ष्मी बाई एकलव्य रविदास
Comments
Post a Comment