स्टीव कांग 8 घंटे नरक में रहे। जहाँ अंधकार, पीड़ित आत्माएँ, यमदूतों का दंड और भयावह वातावरण जहाँ आत्मा पापों का फल भोगती है। 😱
😱 नरक में 8 घंटे का सफ़र – एक चौंकाने वाला सच!
हम सबने बचपन से एक कहावत सुनी है –
"मरने के बाद इंसान बस दो जगह जाता है – स्वर्ग या नरक।"
लेकिन असली सवाल ये है कि क्या सच में ऐसा होता है❓
क्योंकि आज तक कोई इंसान मरकर वापस नहीं आया… इसलिए ये रहस्य हमेशा सवालों में घिरा रहा।
मगर हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरी दुनिया को हिला दिया।
👉 अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर का रहने वाला स्टीव कांग दावा करता है कि वह 8 घंटे तक नरक में रहा और वहां के भयानक अनुभव से जीवित लौट आया।
👨⚕️ ऑपरेशन टेबल से नरक तक का सफ़र
स्टीव ड्रग्स का आदी था, बुरे कामों में लिप्त था और डिप्रेशन से जूझ रहा था।
एक दिन उसने आत्महत्या की कोशिश की और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
👉 डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।
और तभी शुरू हुई वो यात्रा…
नरक की यात्रा।
🔥 नरक का भयावह दृश्य
स्टीव के अनुसार –
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वहाँ कोई रोशनी नहीं थी
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न कोई पौधा, न घास का एक तिनका 🌑
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बस पथरीली ज़मीन और डरावना सन्नाटा
वह भारी जंजीरों में जकड़ा हुआ था और आसपास सैकड़ों लोग पीड़ा में तड़प रहे थे।
उसने विशालकाय प्राणियों को देखा – 3 से 5 मंज़िल ऊँचे – जो आत्माओं का न्याय कर रहे थे।
स्टीव ने कहा –
👉 "यह जगह इतनी भयानक थी कि मैं नहीं चाहता कि मेरा सबसे बड़ा दुश्मन भी वहाँ जाए।"
💉 ड्रग्स, निराशा और आत्महत्या का कारण
स्टीव युवावस्था में ही नशे की गिरफ्त में आ गया था।
वह मेथैम्फेटामाइन, एक्स्टसी और एक खतरनाक मिश्रण लेता था जिसे वह “मौत का कटोरा” कहता था।
👉 इसी लत और एक “दुष्ट आत्मा” के उकसावे में उसने आत्महत्या करने की कोशिश की।
🧘 बौद्ध परिवार में जन्म, पर नरक का अनुभव
पॉडकास्टर व्लाद सावचुक से बातचीत में स्टीव ने बताया कि वे एक बौद्ध परिवार में पले-बढ़े थे।
👉 इसलिए उन्होंने कभी नरक जैसी चीज़ों पर विश्वास नहीं किया था।
लेकिन जब वे उस भयावह जगह पर पहुँचे तो उन्हें एक तरह की “अलौकिक जागरूकता” (Supernatural Awareness) होने लगी।
उन्होंने कहा:
"वहाँ इतना दर्द था कि आप अपने पास खड़े व्यक्ति से यह तक नहीं पूछ सकते थे –
'आप कैसे हैं?' या 'आपका नाम क्या है?'
क्योंकि हर कोई बस पीड़ा में डूबा हुआ था।"
यह अनुभव उनके लिए इतना गहरा था कि पहली बार उन्हें एहसास हुआ –
👉 वे पापी थे, और नरक में जाना उनके कर्मों का ही परिणाम था।
⛓️ 8 घंटे की अनंत पीड़ा
नरक में बिताए वक्त का अनुभव स्टीव ने ऐसे बताया –
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"ऐसा लगता था कि मैं यहाँ हमेशा के लिए रहूँगा।"
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"इतना दर्द था कि मैं सामने वाले से उसका नाम तक नहीं पूछ सकता था।"
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"मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मैं पापी हूँ और मैं वहाँ रहने का हकदार था क्योंकि मैं एक बुरा व्यक्ति था।"
हालाँकि असल दुनिया में यह अनुभव 8 घंटे का था, पर स्टीव को लगा जैसे यह सिर्फ 15–20 मिनट रहे हों।
🙏 प्रार्थना से मिला जीवन
इसी दौरान स्टीव की माँ की एक ईसाई मित्र, जो पहले उसकी ड्रग डीलर भी थी, ने उसके लिए प्रार्थना टीम को बुलाया।
👉 8 लोगों ने लगातार प्रार्थना की और स्टीव ने कहा –
"उनकी प्रार्थना से ही मैं वापस जीवन में लौटा, डॉक्टर ने भी इसे चमत्कार माना।"
✝️ जीवन में बदलाव – पापी से पादरी
स्टीव का कहना है कि उसने यीशु की आवाज़ सुनी जिसने उसे वापस बुलाया।
वह गहरी शांति लेकर लौटा और अब उसने अपना जीवन बदल लिया।
👉 पहले जहाँ वह नशे और अपराध में डूबा था,
आज वह लॉस एंजिल्स की एलए गॉस्पेल कम्युनिटी चर्च में एक पादरी है।
🕯️ निष्कर्ष
स्टीव की कहानी हमें एक गहरा संदेश देती है –
गलत रास्तों से हमेशा बर्बादी मिलती है।
किसी भी व्यक्ति या जिव को कष्ट नहीं देना चाहिए।
जीवन कितना भी कठिन हो, आत्महत्या कभी समाधान नहीं।
और सबसे ज़रूरी – प्रार्थना और विश्वास इंसान को मृत्यु से भी वापस ला सकता है।
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