🏹 गोगा जी का स्वाभिमान और "तोरण मारने" की परंपरा ✨
⚔️ परिवार में बढ़ता द्वेष
गोगा जी के बड़े भाई अर्जन और सर्जन,
गोगा जी के उनसे पहले विवाह करने पर और भी अधिक ईर्ष्या करने लगे 😠।
ईर्ष्या और द्वेष से भरे काछल ने शीघ्र ही अपने पुत्रों का विवाह धूमधाम से कर दिया 🎉।
गोगा जी और माता बाछल इस अवसर पर प्रसन्न हुए 😊,
लेकिन काछल और उसके पुत्र अब गोगा जी, माता बाछल और रानी सीरियल से भी
द्वेष रखने लगे 🦂।
यहीं नहीं रुके —
काछल ने अपनी बहुओं के मन में भी गोगा जी के प्रति द्वेष भावना उत्पन्न कर दी 😔।
फलस्वरूप गोगा जी की भाभियाँ भी अब उनसे सीधे मुँह बात नहीं करती थीं।
गोगा जी ने अनेक बार भाइयों को समझाया,
किन्तु उनकी जड़ बुद्धि पर कोई असर न हुआ 🕳️।
इसी प्रकार पारिवारिक नोक-झोंक के बीच कुछ वर्ष बीत गए ⏳।
🌸 माता बाछल और कटु वचन
एक दिन माता बाछल, गौरवान्वित होकर अपनी सखी को
गोगा जी की वीरता और रानी सीरियल को दिए वचन की कथा सुना रही थीं 💖।
उसी समय उनकी एक भाभी वहाँ से गुज़री।
माता बाछल के शब्द सुनकर उसके हृदय में द्वेष उमड़ पड़ा 😡।
वह व्यंग्य करते हुए बोली —
"अति प्रसन्न मत होइए, आपके पुत्र ने कोई राठौड़ों के तोरण नहीं मारे हैं!"
📜 प्राचीन काल में राठौड़ राजवंश से संबंध स्थापित करना
राजपूताना में महान गौरव की बात मानी जाती थी।
⚡ गोगा जी का स्वाभिमान
संयोग से उसी समय गोगा जी वहाँ उपस्थित थे।
भाभी के कटु वचनों ने उनके स्वाभिमान को आघात पहुँचाया 💢।
गोगा जी ने उत्तर दिया —
"यदि यही बात है, तो आप बताइए किस राठौड़ राजघराने का तोरण मारना है।"
उनके शब्दों में वीरता और संकल्प दोनों झलक रहे थे ⚔️🔥।
🕊️ तोरण मारने की परंपरा
किंवदंती है कि विवाह के समय एक तोरण नामक राक्षस
दुल्हन के घर के द्वार पर तोते का रूप धर बैठता था 🦜।
जब दूल्हा द्वार पर पहुँचता, तो वह उसके शरीर में प्रवेश कर
दुल्हन से स्वयं विवाह कर लेता।
एक बार एक वीर राजकुमार ने उस रहस्य को पहचान लिया।
उसने अपनी तलवार निकाली ⚔️ और उस राक्षस को तोते के रूप में ही मार गिराया।
तभी से तोरण मारने की परंपरा प्रारंभ हुई 🙏।
दुल्हन के घर के द्वार पर लकड़ी का तोरण लगाया जाता है,
जिस पर तोता (राक्षस का प्रतीक) बना होता है।
विवाह के समय दूल्हा अपनी तलवार से उस तोते को मारकर
इस रस्म को पूर्ण करता है 🌸।
⚔️ गोगा जी और राठौड़ वंश की चुनौती 🌸
🚫 तोरण पर गलत परंपरा
आजकल विवाह में तोरण पर तोते की जगह भगवान गणेश जी या धार्मिक चिह्न बनाए जाने लगे हैं 🙏।
लेकिन यह पूर्णतया गलत है ❌, क्योंकि अनजाने में दूल्हा भगवान के चित्र पर भी तलवार का वार कर देता है ⚔️।
यह परंपरा अपने वास्तविक स्वरूप से भटक चुकी है।
🐎 गोगा जी का संकल्प
गोगा जी की भाभी ने व्यंग्य करते हुए कहा —
"आप कोलू मंड जाएँ और वहीं से बूढ़ो जी राठौड़ की पुत्री केलम दे से विवाह करके ही लौटें,
अन्यथा लौटकर मत आना!"
🔥 भाभी के कटु वचनों ने गोगा जी के क्रोध को भड़का दिया।
वे उसी क्षण नीले घोड़े पर सवार होकर 🐎
सीधे कोलू मंड की ओर प्रस्थान कर गए।
🌌 रात का कोलू मंड और दिव्य तेज
जब गोगा जी कोलू मंड पहुँचे तो रात हो चुकी थी 🌙।
महल का मुख्य प्रवेश द्वार बंद था 🚪।
गोगा जी ने द्वारपाल को आदेश दिया —
"द्वार खोलो!"
लेकिन द्वारपाल बोला —
"ये द्वार तो प्रभात में ही खुलेंगे।"
⚡ गोगा जी की आँखों से दिव्य तेज प्रकट हुआ।
उस अग्नि दृष्टि के प्रभाव से द्वार के ताले अपने आप टूट गए 🔥
और द्वार खुल गया।
द्वारपाल समझ गया कि यह कोई साधारण मनुष्य नहीं,
बल्कि साक्षात देव पुरुष हैं 🙏।
उसने दोनों हाथ जोड़कर गोगा जी को मार्ग दे दिया।
👑 सभा में गोगा जी
महल में प्रवेश करने पर गोगा जी को देख
बूढ़ो जी राठौड़ ने अनुमान लगा लिया कि
यह कोई शेरदिल राजपूत ही हो सकता है 🦁।
गोगा जी ने परिचय दिया —
"मैं जेवर सिंह चौहान का पुत्र, ददरेवा नरेश गोगा चौहान हूँ।"
बूढ़ो जी ने आदरपूर्वक प्रणाम किया 🙏 और आने का कारण पूछा।
गोगा जी ने कहा —
"मैं आपकी पुत्री केलम दे से विवाह का प्रस्ताव लेकर आया हूँ।"
😠 अपमान और क्रोध
गोगा जी के लंबे बाल और घनी मूँछों के कारण
वे उम्र में कुछ बड़े प्रतीत हो रहे थे।
बूढ़ो जी ने उपहास करते हुए कहा —
"सोच समझकर बात कीजिए महाराज,
कहाँ आप साठ वर्ष के वृद्ध और कहाँ मेरी फूल-सी कन्या!" 🌸
यह सुनकर गोगा जी का क्रोध भयंकर रूप धारण कर गया 🔥।
वे महल से बाहर आए और तीव्र गर्जना करते हुए नागिन को पुकारा 🐍।
🐍 नागिन का आह्वान और प्रतिशोध
गोगा जी की पुकार से संपूर्ण पाताल लोक गूँज उठा 🌌।
इच्छाधारी नागिन तुरंत उपस्थित हुई और चरणों में प्रणाम किया 🙏।
गोगा जी ने आदेश दिया —
"जाओ, राजकुमारी केलम दे को डस लो।"
आज्ञा अनुसार नागिन ने केलम दे को डस लिया 🐍।
विषदंश से राजकुमारी मूर्छित होकर गिर पड़ीं 😔।
😔 बूढ़ो जी का पश्चाताप
सूचना मिलते ही बूढ़ो जी के पैरों तले जमीन खिसक गई।
द्वारपाल ने पूरा वृत्तांत सुनाया।
अब बूढ़ो जी को अपनी भूल का अहसास हुआ 🕯️।
उन्होंने गोगा जी से क्षमा माँगी 🙏 और
अपनी पुत्री के प्राणों की रक्षा की प्रार्थना की।
गोगा जी की आज्ञा से नागिन ने विष सोख लिया,
और राजकुमारी केलम दे पुनः स्वस्थ हो गईं 🌸।
केलम दे का विवाह 👰🤵
और केलम दे की मूर्छा टूट गई, जिसके बाद बूढ़ो जी राठौड़ गोगा जी की दिव्य शक्तियों से अत्यधिक प्रभावित हुए। परिणामस्वरूप, उन्होंने अपनी पुत्री केलम दे का विवाह गोगा जी से तय कर दिया।
शहनाइयों 🎶 और ढोल-नगाड़ों 🥁 की गूंज के बीच गोगा जी कोलूमंड पहुंचे और माता केलम दे से विवाह करके ददरेवा लौट आए।
भाभी का पश्चाताप 😔
उसके बाद गोगा जी की भाभी, माता बाछल को बोले गए अपमानजनक शब्दों के कारण भीतर से बहुत शर्मिंदा हुईं, लेकिन उस समय कुछ कर न सकीं।
दूसरी ओर, काछल और उसके पुत्र गोगा जी के बढ़ते वर्चस्व और ख्याति को देखकर अत्यधिक ईर्ष्या करने लगे।
तीज का त्यौहार और गोरख टीला 🎉🙏
कुछ समय बाद तीज का त्यौहार आया। इस अवसर पर माता बाछल ने गोगा जी से कहा:
"तुम्हारे जन्म के समय मैंने गोरख टीले पर भंडारा करने का संकल्प लिया था। अतः तुम वहाँ जाकर विधिपूर्वक भंडारा संपन्न करके ही लौटना।"
🌄 प्रभात होते ही गोगा जी 100 ऊँटों 🐪 पर रसद सामग्री लादकर गोरख टीले की ओर निकल पड़े।
गोरख टीले पहुँचकर उन्होंने गुरु चरणों में शीश नवाया और श्रद्धा भाव से भंडारे की तैयारी की।
नौलखे बाग का अपमान 💔
इसी समय रानी सीरियल ने माता बाछल से आग्रह किया कि तीज के अवसर पर वे नौलखे बाग में झूला झूलने जाएँ। माता ने सहर्ष इसकी तैयारी करवा दी।
अगले दिन, सखियों सहित रानी सीरियल का डोला नौलखे बाग पहुँचा। लेकिन वहां पहले से अर्जन और सर्जन बैठे थे।
उन्होंने निर्लज्जतापूर्वक कहा –
"यह बाग अकेले गोगा का नहीं है, डोला वापस ले जाओ।"
अपनी सखियों के सामने हुए इस अपमान को सहकर, रानी सीरियल भारी मन से महल लौट आईं और माता बाछल से लिपटकर रो पड़ीं। 😢
माता बाछल की सीख 🕊️
माता बाछल ने सीरियल को समझाते हुए कहा:
"इस घटना के बारे में तुम गोगा को मत बताना। बहुओं की वजह से भाइयों में झगड़ा उचित नहीं।"
गोगा जी जब गोरख टीले से भंडारा संपन्न करके लौटे, तो रानी सीरियल ने माता की आज्ञा मानते हुए उनसे कुछ भी नहीं कहा।
⏳ कुछ समय और बीत गया...
भाग 7 में आप जानेगे प्रतिज्ञा का पालन – अर्जन और सर्जन का अंत।
<- भाग १
🌸 "हमारे ब्लॉग को अपना अमूल्य समय और प्रेम देने के लिए हम हृदय से आभारी हैं।
यदि आपको यह ज्ञानवर्धक और रहस्यमय जानकारी पसंद आई हो, तो हमारे ब्लॉग को नियमित रूप से पढ़ते रहें।
और भी अद्भुत आध्यात्मिक विचारों और रहस्यों को जानने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें।
साथ ही हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करके इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बनें।" 🌸
****************************************
Comments
Post a Comment