💍 गोगा जी और माता सीरियल का मिलन एवं सगाई प्रसंग 🌸
🌙 स्वप्न में मिलन
गुरु गोरखनाथ की रची अद्भुत लीला के अनुसार
गोगा जी और राजकुमारी सीरियल 🌺 स्वप्न में पहले ही अनेक बार मिले थे।
हर बार विवाह के क्षण पर ही उनकी नींद टूट जाती थी 😔।
इसी कारण जब दोनों वास्तविक जीवन में आमने-सामने आए,
तो तुरंत एक-दूसरे को पहचान गए और मन से बंध गए 💖।
💍 विवाह का प्रस्ताव
अपने प्रेम को प्रकट करते हुए गोगा जी ने राजकुमारी सीरियल के समक्ष विवाह प्रस्ताव रखा 🙏।
राजकुमारी ने बिना विलंब "हाँ" कह दी 🌸।
किन्तु गोगा जी ने परंपरा का स्मरण दिलाते हुए कहा —
"विवाह तो तब होगा जब हमारे बड़े-बुजुर्ग बारात लेकर तंदुल नगरी आएंगे।"
निशानी स्वरूप गोगा जी ने अपनी अंगूठी 💍 माता सीरियल को सौंप दी
और वचन दिया कि शीघ्र ही वे उन्हें अपनी रानी बनाकर ददरेवा ले जाएंगे 👑।
🕊️ पिता का वियोग
ददरेवा लौटते ही गोगा जी ने अपनी माता बाछल को श्वेत वस्त्रों में देखा।
वे समझ गए कि उनके पिता अब इस लोक में नहीं रहे 💔।
आँखों में आँसू लिए गोगा जी माता बाछल से लिपट गए 🙇।
👩👧 राजकुमारी का साहस
राजकुमारी सीरियल ने साहस जुटाकर अपनी माता सिरोज को सम्पूर्ण वृतांत सुनाया।
रानी सिरोज को गुरु गोरखनाथ के वचन स्मरण थे,
इसलिए वे तो विवाह के लिए राजी हो गईं 🌸।
लेकिन राजा सिंधा सिंह के समक्ष यह प्रस्ताव रखना
"शेर के मुँह में हाथ डालने" जैसा था 🦁।
📿 रानी की युक्ति
रानी सिरोज ने युक्ति लगाते हुए राजा से कहा कि
अब राजकुमारी के लिए एक योग्य वर ढूँढना चाहिए।
राजा ने परंपरा अनुसार पुरोहित को बुलवाया और आदेश दिया —
"तुरंत कन्या के लिए उचित वर ढूँढकर सगाई कर आओ!"
रानी ने गुप्त रूप से पुरोहित को बुलाया और गुरु गोरखनाथ की भविष्यवाणी का स्मरण दिलाते हुए
गोगा जी से विवाह कराने का आग्रह किया 🙏।
पुरोहित को इनाम का आश्वासन भी दिया।
🤝 सगाई का निर्धारण
रानी की आज्ञा मानते हुए पुरोहित ददरेवा पहुँचे और
अमरपाल सिंह के समक्ष राजकुमारी सीरियल का रिश्ता रखा।
सगाई संपन्न हुई 🎉 और पुरोहित लौटकर तंदुल नगरी आ पहुँचे।
⚡ राजा का क्रोध
जब राजा सिंधा सिंह को ज्ञात हुआ कि
उनकी पुत्री की सगाई चौहान वंश में कर दी गई है,
तो उनका क्रोध सीमा पार कर गया 😡।
उन्होंने कहा —
"यदि तुम पुरोहित न होते, तो इसी क्षण तुम्हारा सिर धड़ से अलग कर देता!"
और आदेश दिया कि तुरंत जाकर सगाई तोड़ आओ ⚔️।
🙏 पुरोहित की दुविधा
भयभीत पुरोहित ददरेवा के बीहड़ों में जाकर बैठ गए
और मन ही मन भगवान को स्मरण करने लगे 🕉️।
क्योंकि उसे भलीभांति ज्ञात था कि चौहान राजवंश इस अपमान का क्या प्रतिउत्तर देगा।
तभी नगर भ्रमण करते हुए गोगा जी वहाँ पहुँचे और उन्हें पहचान लिया।
वापसी का कारण पूछने पर पुरोहित ने संकोचपूर्वक
सारा प्रसंग गोगा जी को सुनाया।
🕊️ गोगा जी की उदारता
गोगा जी ने मुस्कुराते हुए अपनी माता बाछल से
सगाई का सामान लाकर स्वयं पुरोहित को सौंप दिया 🙌।
यह देख पुरोहित नतमस्तक हो गए।
परंतु उस रात गोगा जी ने स्वप्न में राजकुमारी सीरियल को देखा 🌙💔।
सगाई टूटने के कारण माता सीरियल का हृदय पीड़ा से भर गया था।
गोगा जी तुरंत उठे और उसी क्षण माता बाछल से आशीर्वाद प्राप्त कर तंदुल की ओर निकल पड़े।
🐍 सर्प दमन और नागों के देवता बने वीर गोगा जी 🙏
🌸 तक्षक नाग का षड्यंत्र
जब तक्षक नाग को ज्ञात हुआ कि माता सीरियल, गोगा जी की अति प्रिय हैं 💖,
तो वह बदले की आग में जलते हुए तंदुल नगरी पहुँचा।
उसी समय माता सीरियल गोगा जी की याद में खोई बैठी थीं 💭।
मौका पाकर तक्षक ने उन्हें डस लिया 🐍⚡।
सर्पदंश के कारण माता मूर्छित हो गईं 😔।
सैकड़ों वैद्य और झाड़-फूंक करने वाले बुलवाए गए,
किन्तु कोई लाभ नहीं हुआ।
राजा सिंधा अपनी लाडली पुत्री को अंतिम सांसें गिनते देख टूट गए 💔
और घोषणा की —
"जो भी मेरी पुत्री को स्वस्थ कर देगा, तो मैं अपनी पुत्री का विवाह उसी के साथ कर दूंगा!"
🔥 गोगा जी का क्रोध और सर्प दमन
विधि विधान अनुसार उसी समय गोगा जी तंदुल नगरी पहुँचे।
जब उन्हें पता चला राजकुमारी सर्प दंश की वजह से मूर्छित है तो गोगा जी तुरंत महलों में आ पहुंचे और
राजकुमारी की दशा देखकर उनकी आँखें रक्त ज्वाला से प्रज्वलित हो उठीं 🔥।
मानो स्वयं महादेव ने क्रोध में तीसरी आंख खोल दी हो ⚡।
गोगा जी ने प्रचंड रूप धारण कर सर्प-दमन यज्ञ प्रारंभ किया 🔱।
भूलोक के समस्त सर्प अग्नि में आकर भस्म होने लगे।
यह देख तक्षक भयभीत हो गया और क्षमा याचना करते हुए
गोगा जी के चरणों में गिर पड़ा 🙇।
🕊️ दया और वरदान
गोगा जी ने कहा —
"यदि तुम राजकुमारी के शरीर से विष सोखकर उन्हें स्वस्थ कर दो,
तो तुम्हें क्षमा किया जाएगा।"
आज्ञा पाकर तक्षक ने विष सोख लिया 🐍💨।
राजकुमारी सीरियल चेतना में आईं 🌸 और स्वस्थ हो गईं।
तक्षक ने गोगा जी को प्रणाम कर कहा 🙏 —
"आज से आपको नागों के देवता रूप में पूजा जाएगा।
जो कोई भी सच्चे मन से आपकी भक्ति करेगा,
उसे सर्प और अन्य विषधर कभी हानि नहीं पहुँचाएँगे।
और यदि सर्पदंश हो, तो ददरेवा की पावन मिट्टी लगाते ही
मनुष्य पूर्णतः स्वस्थ हो जाएगा।"
यही कारण है कि आज भी भादवा महीने में गोगा जी के मेले से लोग
पावन मिट्टी लेकर जाते हैं 🌍✨।
💍 विवाह और विजय
इसके बाद गोगा जी, गुरु गोरखनाथ के साथ धूमधाम से बारात लेकर तंदुल नगरी पहुँचे 🎉।
लेकिन राजा सिंधा ने अपनी जुबान से मुकर कर आमेर से भी बारात बुलवा ली।
दोनों बारातों के बीच भीषण युद्ध छिड़ा ⚔️।
वीर गोगा जी ने आमेर नरेश तारा सिंह का सिर धड़ से अलग कर दिया।
राजा सिंधा और तारा सिंह के पिता को अपनी भूल का आभास हुआ 😔।
वे गुरु गोरखनाथ के चरणों में गिर पड़े और क्षमा माँगी 🙏।
गुरु ने उन्हें क्षमा कर तारा सिंह को जीवनदान दिया 🌿।
इस प्रकार आमेर की बारात लौट गई और
गोगा जी ने माता सीरियल से सर्वसम्मति से विवाह किया 💍👑।
रानी स्वरूप उन्हें ददरेवा ले आए।
⚡ परिवार में ईर्ष्या
गोगा जी से बड़े अर्जन और सर्जन इस बात से व्यथित हो उठे
कि गोगा जी ने उनसे पहले विवाह कर लिया।
काछल और उसके पुत्रों के मन में भी द्वेष भावना उत्पन्न हो गई 🦂।
✨ अवतार रहस्य
स्थानीय जनमान्यता है कि गोगा जी पदम नाग अवतार थे 🐍🙏।
उनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त गुगल से हुई थी,
जिसे गुरु गोरखनाथ स्वयं पाताल लोक जाकर
नागराज वासुकी (वासक नाग) से लेकर आए थे।
इसी कारण गोगा जी को सांपों के देवता और
पदम नाग अवतारी वीर के रूप में पूजा जाता है 🌸।
🔥 यह कथा गोगा जी की वीरता, दया, भक्ति और दिव्यता का दिव्य प्रमाण है।
आपको बता दें कि स्थानीय लोग गोगा जी को पदम नाग अवतारी
मानते हैं जिनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान मिले गुगल से हुई थी जिसे गुरु गोरखनाथ पाताल लोग जाकर शेष नाग के भाई नागराज वासुकी से लेकर आए थे जिन्हें स्थानीय भाषा में वासक नाग कहा जाता है हो सकता है पुराणों में जन्मेजय और पदम नाग का कोई संबंध रहा हो फिलहाल इस विषय पर सटीक जानकारी मिल पाना नामुमकिन प्रतीत होता है हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।
भाग 6 में आप जानेगे गोगा जी का स्वाभिमान और "तोरण मारने" की परंपरा।
<- भाग १
🌸 "हमारे ब्लॉग को अपना अमूल्य समय और प्रेम देने के लिए हम हृदय से आभारी हैं।
यदि आपको यह ज्ञानवर्धक और रहस्यमय जानकारी पसंद आई हो, तो हमारे ब्लॉग को नियमित रूप से पढ़ते रहें।
और भी अद्भुत आध्यात्मिक विचारों और रहस्यों को जानने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें।
साथ ही हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करके इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बनें।" 🌸
****************************************
Comments
Post a Comment